सुप्रभात मित्रो.. कुछ प्यारी हकीकत कहना चाहता हूं🌹:-
सुप्रभात मित्रो.. कुछ प्यारी हकीकत कहना चाहता हूं🌹:-
1:- जो आनन्द प्रेयसी का ध्यान करने में है, वह किसी काल्पनिक ईश्वर-देवता के ध्यान में कहां?
2:- जो मजा महबूबा की आवाज सुनने में है वह किसी मंदिर-मस्जिद के घंटौं,अजान में कहां?
3:- जो मजा प्रियतमा की चर्चा करने में है, वह किसी भजन,नमाज या प्रार्थना में कहां?
4:-जो आनंद महबूबा को निहारने में है वह किसी देव मूर्ती के दर्शन में,मस्जिद या चर्च को देखने में कहां?
5:- जो महक महबूबा के बदन में उठती मदहोश करने वाली मादक सुगन्ध में है वह किसी देव स्थल में जलती धूप,अगरबत्ती या किसी अन्य सुगन्धित द्रव्य में कहां?
6:-जो सुख महबूबा के चरण स्पर्श में है वह किसी मूर्ती,मजार या किसी देव स्थल में माथा टेकने में कहां?
7:- आग्रह,, महबूबा, प्रेयसी या पत्नी को खुश रखोगे तो वह जो लौकिक अलौकिक आनन्द देगी वह किसी काल्पनिक देव,ईश्वर या परमेश्वर से नहीं मिलता।
नोट:- महिलायें उक्त पंक्तियों में प्रेयसी, महबूबा और पत्नी की जगह प्रेमी, महबूब और पति लिख सकती हैं।सभी आनन्द में रहें, मौज करें रोज करें।
मौज लें रोज लें, न मिले तो खोज लें..!
शुभ दिवस🌹🌹
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