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सर्वाधिक स्वतंत्र, प्रगति प्रेरक, समाज की गरिबाई दूर करनेवाली व्यवस्था...

  - सर्वाधिक स्वतंत्र, प्रगति प्रेरक, समाज की गरिबाई दूर करनेवाली व्यवस्था... हिंदुस्तान या किसी पूंजीवादी मुपूंजीवादल्क में कोई गरीब आदमी कभी अमीर भी हो सकता है। इसमें बहुत कठिनाई नहीं है। क्योंकि कोई अमीर आदमी कभी गरीब भी हो जाता है। लेकिन रूस में, समाजवाद में सामान्य जनता से सत्ता अधिकारियों के वर्ग में प्रवेश करना सर्वाधिक कठिन हो जाता है। रूस(अब चीन के उदाहरण से समझे) में कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता पाना ही बहुत कठिन मामला है। रूस दो हिस्सों में बंट गया है। एक सामान्य जनता है और एक सत्ताधिकारियों का वर्ग है। यह सत्ताधिकारियों का वर्ग सुनिश्चित और फिक्स्ड हो गया है। यह नीचे की जनता को कोई समान अवसर नहीं देता है। *लेकिन ख्याल सारी दुनिया में यही पैदा किया जाता है कि समाजवाद समान अवसर देगा।*  मैं आपसे कहना चाहता हूं, सिर्फ पूंजीवाद ने सर्वाधिक अवसर देने की सुविधा दी है। और इसको हमें कई तरह से समझ लेना जरूरी होगा।  अगर रूस में मैं जाकर रूस के खिलाफ कोई बात बोलना चाहूं, तो रूस में मैं नहीं बोल सकता हूं। रूस में स्वतंत्रता है , सिर्फ रूस के राजनेता के पक्ष में बोलने के लि...

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