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Showing posts from October, 2022

कष्ट मानसिक घटना है, भौगोलिक घटना नहीं है।

बुद्ध एक जंगल में बैठे हैं

मेहनत के फल की कहानी (Short Moral Stories in Hindi) Short Moral Stories in Hindi

एक गांव में एक किसान रहता था, जिसका नाम रामु था, उसके घर के बाहर ही उसका एक छोटा सा खेत था।

बाप बेटी का प्रेम समुद्र से भी गहरा है

विदेही गुरु देहधारी गुरुओ को निर्देशित करते हैं न की शिष्यों को---

हमें कुछ दिखायी नहीं पड़ता।

मुझे इस आदमी से जल्दी मिलवाओ-* जिद्दू कृष्णमूर्ति

संभोग से समाधि

प्रश्न : भगवान, सुना है आप भोजन में शाकाहार को तरजीह देते हैं। लेकिन पुराने शास्त्र कहते हैं कि जीव ही जीव का आहार है। और आप जानते हैं कि मछली मछली को निगलती है। क्या इस पर कुछ कहने की कृपा करेंगे?*

धनतेरस उत्सव वास्तव में सम्राट अशोक द्वारा शुरू किया हुआ बौद्ध उत्सव है...

केंद्रित होने कीं विधि

काम ऊर्जा का रूपांतरण कैसे करें

जीवन कुछ और नहीं बल्कि एक पेड़ है और मृत्यु उस पेड़ का एक फूल। पेड़ का अस्तित्व फूल के लिए होता है ना कि फूल का

लकड़हारा और कुल्हाड़ी की कहानी (Short Moral Stories in Hindi) Short Moral Stories in Hindi

दावत : मुल्ला नसरुद्दीन की कहानी

डरपोक पत्थर की कहानी (Short Moral Stories in Hindi) Short Moral Stories in Hindi

चिंता का नाश

भाव में जीने वाला सदा भय में जीता है, फियर में जीता है। जो मैत्री को उपलब्ध होते हैं वे ही फियरलेसनेस को, अभय को उपलब्ध होते हैं, क्योंकि फिर मिटने—मिटाने का सवाल न रहा। वे खुद ही मिट गए, अब उन्हें कोई मिटाएगा कैसे?

सिंधिया परिवार

उनके भीतर कोई अभीप्सा नहीं मालूम होती! कोई उत्कृष्ट आकांक्षा नहीं मालूम होती! मेरे पास आए विदेशी

तलाश किस चीज़ की है कोई खोज रहा है किताबों में कोई खोज रहा है मँदिरों में

ओशो - परम सदगुरु* 🌝

आदमी खुद मंदिर बने तो भगवान परवेश करे~

You create a world around you of illusions. You go on getting attached to things which are not going to be with you when you die. You go on being identified with things which are going to be taken away from you.

प्रेम और त्याग। अलग-अलग नहीं हैं। जिसने त्याग जाना, उसने प्रेम जाना। जिसने प्रेम जाना, उसने त्याग जाना।

जीवन मे जिनसे मैं प्रभावित हुई और जिनको थोड़ा बहुत फॉलो किया और पाया कि जीवन खूबसूरत और बेहतर हुआ तो वो ओशो थे !

मात्र संयोग नहीं होता किसी से मिलना, इसके पीछे होते हैं ये 5 अलौकिक कारण

*दिन के चौबीस घंटों में तुम्हें एक घंटा मौन रहना जरूरी है, जब भी तुम्हारी सुविधा हो।*

हां नहीं कहता, जो ना नहीं कहता, लेकिन पूरी तरह से व्यक्त करता है कि आपको मिल गया है। आपका उज्ज्वल चेहरा

रफ्ता रफ्ता यह जमाने का सितम होता है🍃

पलटू उत्सव के पक्षपाती हैं

ओशो प्रवचनो से संकलित हिंदी बोध कथा

टालस्टाय ने एक छोटी सी कहानी लिखी है। मृत्यु के देवता ने अपने एक दूत को भेजा पृथ्वी पर। एक स्त्री मर गयी थी, उसकी आत्मा को लाना था।